शुक्रवार, 19 मार्च 2010

पॉण्डिचेरी



ऑरो विले में स्फिंक्स, पिरामिड और मिश्री लिपी की नकल.
तब 'ऑरो विले' में मातृ मन्दिर बन ही रहा था.
आवडी के अपने एक प्रिय दोस्त प्रणव घोष के साथ मैं महाबलीपुरम् और पॉण्डिचेरी गया था. यह पॉण्डिचेरी में ऋषि अरविन्द घोष की समाधी है.

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