



ग्वालियर से कुछ दूर 'मोहिनी सागर बाँध'. जैसा नाम, वैसी जगह!


कैमरे के 'सेल्फ' या 'ऑटो' मोड से खींची गयी इस तस्वीर की भी स्व. दिलीप साव ने तारीफ की थी. मुझे कुछ खासियत नजर नहीं आयी, तब उन्होंने ध्यान दिलाया कि सूर्य की ढलती रोशनी का इसमें सही इस्तेमाल हुआ है.


तानसेन के गुरु मोहम्मद गौस का मकबरा.

यह शानदार फोटो अशोक ने खींची थी.


तेज बरसाती हवाओं के बीच यह फोटो मेरे किस दोस्त ने खींची थी- याद नहीं.
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