शुक्रवार, 19 मार्च 2010

आगरा

मुमताजमहल और शाहजहाँ के वास्तविक मकबरे, जो कि ताजमहल के तहखाने में हैं. अब शायद तहखाने में जाने की इजाजत नहीं है.


वायुसैनिक दोस्त- पाल और महातो.
और यह है, अशोक.
यह उत्तम है.
यही है बिनय (कुरते में).

ऊपर के मेरे दोनों शानदार फोटो बिनय ने खींचे थे.




'91 में पहली बार ताजमहल के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ. उसकी भव्यता, विशालता और भौगोलिक स्थिति को देख मैं दंग रह गया था. बाद में कई बार ताजमहल जाने का अवसर मिला.
आगरा किले में कैद होने के बाद शाहजहाँ शायद ऐसे ही किसी झरोखे से ताजमहल को देखा करता था.



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